एक स्त्री जिसे इस नारी पूजक देश मे लगातार अपमानित किया गया।
ये पोस्ट राजनीतिक नही है केवल सोनिया गांधी को एक स्त्री के नज़रिये से देखने की कोशिश है ।सोनिया गांधी के जीवन पर आप नजर डालें तो उनका पूरा जीवन एक त्रासदी से कम नही है।वर्षों से वो केवल एक अदद मां बन कर रह गयी है ।शादी के कुछ साल बाद ही मां जैसी सास का गोलियों से छलनी शरीर जिसकी गोद मे आ जाए, टुकड़ो में जिसने पति की लाश देखी हो उसकी पीड़ा को क्या कोई महसूस कर सकता है ?
आख़िर सोनिया -राजीव ने ऐसा क्या पाप किया?
एक दूसरे से प्रेम किया, विवाह किया और विवाह के इतने वर्षों बाद भी भारतीय बहू के सारे धर्म ये स्त्री निभा रही है , लेकिन आपने उसे क्या दिया अपमान और तिरस्कार ।विवाह के बाद एक स्त्री की पहचान उसकी ससुराल से होती है यही है न ?
आपकी भारतीय संस्कृति?
फिर इस मामले में आपकी संस्कृति इतनी दोमुंही कैसे हो जाती है?
किस मुंह से आप वासुधेव कुटुम्बकम का ढोंग करते जब अपने ही देश की उस बहू को आप आजतक नही अपना पाए जिसने अपनी पूरी उम्र आपके देश मे गुज़ार दी।सुषमा स्वराज एक स्त्री ही थीं लेकिन एक स्त्री होकर सोनिया के विदेशी मूल का जो बार-बार उन्होंने ज़िक्र किया वो उनकी गरिमा के ख़िलाफ़ था। उस स्त्री ने आपके देश को अपनाया,आपकी भाषा सीखी,मॉडर्न परिवेश में पली स्त्री के सर से आज भी किसी रैली में पल्लू नही गिरता और आपने उसे क्या दिया ?
सोनिया इटली की वेश्या थी(सुब्रमनियम स्वामी),सोनिया जरसी गाय है(मोदी),सोनिया विदेशी नस्ल की है इसलिए देशभक्त पैदा नही कर सकती(कैलाश), वगैरा-वगैरा।
आप खुद को हिन्दू कहते हो? बोलते हो कि हमारे यहां स्त्री की पूजा होती है कितने धूर्त और मक्कार हो आप।अब अगर मैं पलट के पूंछू की सोनिया तो सालों से बहू का धर्म निभा रही लेकिन हिन्दू हृदय सम्राट ने अपनी शादी के 7 वचन निभाये?चुनाव नही होता तो देश जान ही नही पाता कि इनका विवाह भी हुआ है।आप अपनी घृणा से बाहर आइये तो सोनिया गांधी में आपको एक असली पारंपरिक भारतीय स्त्री की छवि दिखेगी।अपने पति के हत्यारो को माफ़ करने का कलेजा एक भारतीय स्त्री में ही हो सकता।पूर्ण बहुमत की सरकार में भी न ख़ुद पीएम बनी न राहुल को बनाया क्यो ,कौन उन्हें रोक सकता था?
इतना अपमान और तिरस्कार सह कर भी कभी पलट के अमर्यादित टिप्पणी नही की।एक उदाहरण देता हूँ राजीव गांधी की लाश जब मद्रास लाई गई,जब सोनिया दिल्ली से मद्रास आयी तो उन्होंने दो ताबूत देखे एक राजीव गांधी का था जिस पर फूल चढ़े थे दूसरा उनके अंगरक्षक का था जिस पर कुछ नही था ।उस दुख की घड़ी में भी उन्हें इतना याद रहा कि तुरंत उन्होंने एक अधिकारी को बुलाया और कहा कि उस पर भी फूल चढ़ाओ उन्होंने मेरे पति के लिए जान दी है।क्षमा,दया,करुणा जो भारतीय स्त्री के आभूषण है उसमे से क्या उनके पास नही है?लेकिन फिर भी उनका अपमान और तिरस्कार शीर्ष के नेता से लेकर व्हाट्सअप्प यूनिवर्सिटी के जाहिल तक करते रहे।आलोचना के लिए राजनीतिक बातें है लेकिन राजनीति का क्या इतना पतन हो गया है कि आप एक स्त्री की गरिमा को ही भूल गए। ये प्रज्ञा ठाकुर,साध्वी प्राची,पूजा शकुन पर गर्व कर सकते लेकिन सोनिया गांधी को अपमानित करेंगे।दरसल सोनिया ने तो भारतीय संस्कृति निभाई लेकिन तुम लोगो ने दिखाया कि तुम अपने मूल में कितने कट्टर,जातिवादी,रंगभेदी,नस्लभेदी हो, तुम कितने धूर्त हो,संस्कृति की खोल में छुपे सबसे अश्लील समाज हो ।